दज्जाल कौन है –
दज्जाल क़यामत के नजदीक,मोमिन के लिए बड़ा फितना बरपा होगा|
वह काना होना,सिर्फ एक ही आँख होगी,घुघरदार बाल और सवारी में एक बहुत बड़ा गधा इस्तमाल करेगा, वह खुद खुदा होने का दावा करेगा,उसके माथे पर (काफ – फा – रा) लिखा होगा यानी काफ़िर, जिसको मुसलमान पढ़ेगा समझ लेगा की यही दज्जाल है |हरम शरीफ के सिवा तमाम रुये ज़मीन का गस्त करेगा|सबसे पहले मुल्के इराक व शाम में ज़ाहिर होगा
दज्जाल के मुताल्लिक चंद हदीसें –
(1) दज्जाल यहूदियों में से होगा और अवाम में उसका लक़ब मसीह होगा (बुखारी)
(2) इसके साथ एक आग होगी जिसको दोज़ख ताबीर करेगा और एक बाग़ होगा जिस का नाम जन्नत होगा |अपने मुखालिफीन को आग में और अपने मानने वाले को बाग़ में डालेगा|(मगर वो आग दर-हकीकत एक बाग़ होगा और बाग़ दर-हकीकत एक आग होगा,इसका सबकुछ लोगों के लिए सिर्फ इम्तहान होगा )(बुखारी)
(3) उस के पास खाने पीने की चीजों का एक ज़खीरा होगा,जिसको चाहेगा उसे ख़ुश होकर देगा (बुखारी)
(4) मगर अहले ईमान का (सुभानाल्लाह और ला इलाहा) पढना ही उसके खाने पीने का काम देगा (अबू दाऊद)
यानी अहले ईमान भूखे प्यासे रहना गवारह कर लेंगे लेकिन उसके धोखे में नही आयेंगे और सब्र करेंगे फिर अल्लाह अपने ज़िक्र की हलावत ज़ाहिर करेगा और अहले ईमान ज़िक्र से ही सैर होंगे |
दज्जाल का फितना –
दज्जाल के चंद फितने –
(1) बाज़ आदमियों से कहेगा – मै मुर्दा माँ बापों को जिंदा कर सकता हु ताके इस कुदरत को देख कर खुदाई का यकीन कर लो |
(2) पानी का बरसाना
(3) ज़मीन को हुक्म देगा वह सब्जी उगाए
(4) लोगों से कहेगा की हमको खुदा मनो , लोग जो उसे खुदा मानेंगे उसे अपनी जन्नत में डालेगा लेकिन हकीकत में वह आग होगा और जो न मानेंगे उसे अपनी दोज़ख में डालेगा जो हकीकत में बाग़ होगा |
(5) दज्जाल की फौज़ की तादात क़रीब 70 हज़ार या एक रिवायत में 70 लाख का होगा|
दज्जाल के फितने से कैसे बचेंगे –
(1) जो हर जुमाअ सुरह कहफ़ की शुरू की 10 आयत या पूरी सुरह की तलावत करता है,वह दज्जाल से फितने से महफूज़ होगा |
(2) अल्लाह का कसरत से ज़िक्र करने वाला इन्शाअल्लाह दज्जाल के फितने से महफूज़ रहेगा |
(3) आप (स०अ०) की हदीस का मफुम है के जब दज्जाल का जुहूर होगा तब मोमिन पहाड़ों की तरफ रुख कर के दज्जाल के फितने से बचेंगे |
दज्जाल का खत्मा –
(1) जब दज्जाल का फितना व फसाद और ज़द्ती आम होगा, तब अल्लाह तआला हज़रत इसा (अ०स०) को असमान से ज़मीन पर दो फरिश्तों के ज़रिये उतारेगा |
(2) दमिस्क के जामह मस्जिद के मीनार पर आप (अ०स०) नाजिल होंगे, फिर आप सीढ़ी के ज़रिये निचे उतरेंगे और इमाम मेहदी से मुलाक़ात करेंगे,वो वक़्त चूंके नमाज़ का वक़्त होगा,तो हज़रत इसा (अ०स०) नमाज़ पढ़ाने को कहेंगे,इमाम मेहदी नमाज़ की इमामत करेंगे |
(3) अल्लाह तआला की खास मदद के साथ हज़रत इसा (अ०स०),दज्जाल और उसके अज़ीम लश्कर के खिलाफ रवाना होंगे |
(4) अल्लाह तआला इसा (अ०स०) को एक एसी खुशबू अता करेंगे ,जो मोमिनो के लिए तो खुशबू होगी लेकिन दज्जाल के मानने वालों के लिए मौत होगी
(5) दज्जाल को इसा (अ०स०) की आमद की खबर मिलेगी,वह वहां से फरार हो जायेगा,उसकी रफ़्तार बदलों जैसे तेज़ होगी
(6) आखिरकार हज़रत इसा (अ०स०) और दज्जाल का आमना सामना होगा,उस जगह का नाम ” नुद “ होगा जो की फिलिस्तीन में वाके है,फिर आप (अ०स०) उस मलून दज्जाल का खात्मा करेंगे |
दीन की सही मालूमात कुरआन और हदीस के पढने व सीखने से हासिल होगी |(इंशाअल्लाह)
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दुआ की गुज़ारिश
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