दोजख क्या है –
दोजख एक बहुत बुरा ठिकाना है जो काफ़िर और नाफर्मानो के लिए अल्लाह तआला ने तैयार की है |
दोज़ख एक गढ़ा है,इसमें घुप अँधेरी और तेज़ आग है | काफिर इसमें हमेश रहेंगे और जब भी निकलन चाहेंगे तो उनको वापस आग की तरफ धकेल दिया जायेगा |
अल्लाह तआला का इरशाद –
” और बेशक सरकशों के लिए बहुत ही बुरा ठिकाना है,यानी दोजख जिसमें वे गिरेंगे |वह कैसी बुरी जगह है | यह खौलता हुआ पानी और पीप (मौजूद) है, ये लोग उसको चखें और इसके अलावा और भी इस किस्म की मुख्तलिफ नागवार चीजें है (उसको भी चखे ” (सुरह साद )
” बेशक दोजख में बड़े गुनाहगारों के लिए जक्कुम का दरख़्त ख़ुराक है और वह सुरत में काले तेल की तलछट की तरह होगा जो पेट में एसा जोश मारेगा जैसे खौलता हुआ गरम पानी और फरिश्तों को हुक्म होगा कि इस मुज़रिम को पकड़ो और घसीटते हुए दोजख के बीचों बीच धकेल दो और उसके सर पर तकलीफ देने वाला गरम पानी छोड़ दो (और तमस्स्खुर करते हुए कहा जायेगा) ले चख ले | तू बड़ा बाइज्ज़त व मुकर्रम है,यानी तू दुनिया में बड़ा इज्ज़त वाला समझा जाता था,इसलिए मेरे हुक्मों पर चलने में शर्म महसूस करता था,अब यह तेरी ताज़ीम हो रही है और ये तमाम वही चीज़ है जिस्मी तुम शक करके इनकार कर देते थे “ (सुरह – दुखान)
दोजख के मुताल्लिक हदीस –
” हज़रत अबू हुरैरह (रज़ी०) से रिवायत है कि रसूल अल्लाह (स०अ०) ने इरशाद फ़रमाया – तुम्हारी इस दुनिया की आग दोजख की आग के सत्तर हिस्सों में से एक हिस्सा है | अर्ज़ किया गया – या रसूल अल्लाह ! यही (दुनिया की आग ) काफी थी | आप (स०अ०) ने इरशाद फ़रमाया – दोजख की आग दुनिया की आग के मुकाबले में उनहत्तर दर्ज़ा बढ़ा दी गई है | हर दर्जे की हरारत दुनिया की आग की हरारत के बराबर है ” (बुखारी )
” हज़रत सुमरा बिन जुंदुब (रज़ी०) से रिवायत है कि रसूल अल्लाह (स०अ०) ने इरशाद फ़रमाया – कुछ दोजख्यों को आग उनके टखनों तक पकड़ेगी और कुछ को उनके घुटनों तक पकड़ेगी और कुछ को उनकी कमर तक पकड़ेगी और कुछ को उनकी हंसुली (गर्दन के निचे की हड्डी ) तक पकड़ेगी ” (मुस्लिम)
दोजख के 7 हिस्से/दर्जे –
दोजख के हिस्सों का ज़िक्र हज़रत जिब्रील (अ०स०) ने हुजुर पाक (स०अ०) से किया था जिसको सुनकर आपको इतना गम हुआ के आप (स०अ०) बेहोश हो गए |
(1) हाव़िया –
हाव़िया दोजख का सबसे निचला हिस्सा है, ये मुनाफिकीन का ठिकाना होगा |
(2) जहीम –
जहीम,हाव़िया के उपर का हिस्सा है, जहां मुशरिकीन (बुत की पूजा करने वाले ) होंगे |
(3) सक़र –
इस हिस्से में सूरज,सितारों की पूजा करने वाले डाले जायेंगे |
(4) सईर –
इसमें आग की पूजा करने वालों का ठिकाना होगा |
(5) लधा –
इसमें यहूदियों का ठिकाना है |
(6) हुतमा –
इस हिस्से में नसारा(इसाई) लोगों को डाला जायेगा |
(7) जहन्नुम –
जहन्नुम सबसे उपर का हिस्सा है, जिसमे उम्मते मुहम्मदिया के वो गुनाहगार डाले जायेंगे जो बिना तौबा किये मर गए ,बाकी सारे हिस्सों से सबसे कम दर्ज़ा अज़ाब होगा |
दोज़ख के अज़ाब का ज़िक्र –
(1) जब काफ़िर जहन्नुम में डाले जायेंगे तब जहन्नुम शिद्दते इंतकाम से ऊँची ऊँची खौफनाक आवाजें निकलेगी |जहन्नुम का अज़ाब देखते ही काफिरों के चेहरे काले सियाह हो जायेंगे |
(2) दोजखियों को तरह तरह का अज़ाब दिया जायेगा,बड़े बड़े सांप और बिच्छु काटेंगे,फरिश्तें भारी पत्थर से नाफर्मानों के सर पर मारेंगे जिससे उनका सर रेज़ा -रेज़ा हो जायेगा,जैसे ही पत्थर दोबारा मारने के लिए उठाएंगे उनका सर फिर से सही सालीम हो जायेगा |
(3) जहान्नामियों की खाल जब जल जाएगी तो फ़ौरन दूसरी खाल पैदा कर दी जाएगी ताके अज़ाब में ज़रा सी भी ताखीर ना हो |जहन्नम के अज़ाब से तंग आकर जहान्नामी मौत मांगेगे मगर कभी मौत नही आएगी |
(4) बाज काफिरों के कान और कन्धों के दरमियान (70) साल का फासला होगा ,और उनकी खाल की मोटाई 20 हाथ (63फिट) होगी और दांत उहद पहाड़ के बराबर होगा |
दोजख की आग का बयान –
दोज़ख की आग का पहला शोला ही काफ़िर के जिस्म के सारे गोस्त को हड्डियों से अलग कर देगी |जहन्नुम के आग की मामूली चिंगाडी एक किले के बराबर होगी |
जहन्नुम का हल्का अज़ाब –
जहन्नुम का सबसे हल्का अज़ाब ये होगा के जहान्नामी के पांव में आग की जूतियाँ पहनाई जाएगी जिससे उसका दिमाग खौलने लगेगा,जहान्नामी ये गुमान करेंगे की उसको ही सबसे ज्यादा अज़ाब हो रही है हालांके उसको सबसे हल्का अज़ाब होगा |
जहानामियों का खाना और पीना –
जहान्नामियों को 4 क़िस्म के खाने दिए जायेंगे –
(1) जक्कुम – यानी थोहर
(2) कांटेदार घास
(3) ज़ख्मों की धुवों की गलाज़त
(4) हलक में अटक -अटक कर उतरने वाला खाना
पीने को 5 किस्म के पानी –
(1) खौलता हुआ पानी
(2) ज़ख्मों से बहने वाली पीप और खून
(3) तेल की तल्छत जैसा खौलता हुआ पानी
(4) सियाह जहरीला और बदबूदार मशरुब
(5) जहान्नामियों का पसीना
जहन्नुम का लिबास –
जहान्नामियों को आग का लिबास पहनाया जायेगा और बाज़ नाफर्मानो को हतकडीयां और बेड़ियाँ पहना कर तारकोल का लिबास पहनाया जायेगा |और बाज़ को आग की जूतियाँ पहनाई जायेंगी|
उनका बिस्तर भी आग का और ओढना -बिछौना भी आग का
अल्लाह हम सबको जहन्नुम की अज़ाब से पूरी पूरी हिफाज़त फरमाए – अमीन
दीन की सही मालूमात कुरआन और हदीस के पढने व सीखने से हासिल होगी |(इंशाअल्लाह)
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