بِسمِ اللہِ الرَّحمٰنِ الرَّحِيم
” शुरू अल्लाह के नाम से जो सब पर मेहरबान है बहुत मेहरबान है “
Zaitoon(Olive oil) ke Fayde – ज़ैतून के फायदे
जैतून को इंग्लिश में Olive कहतें हैं | जैतून तेल के बेशुमार फायदे कुरआन व हदीस में बयान किये गए हैं | इसका दरख़्त तकरीबन 3 मीटर ऊँचा होता है, बेर की शक्ल का एक फल होता है| जयादा तर ये पेड़ फिलिस्तीन, रोम, पुतगाल,यूनान वगैरह में कसरत से पाया जाता है |
मुफस्सिरीन की तहक़ीक़ के मुताबिक ज़ैतून का दरख़्त एक तारीखी पौधा है, तूफ़ान ए नुह (अ०स०) के ख़तम पर, पानी के उतरने के बाद जो सबसे पहली चीज ज़मीन पर नुमाया हुई, वह ज़ैतून का ही पेड़ था | हज़रत नुह (अ०स०) ने जब परिंदे को पानी की सतह का पता लगाने को भेजा तो वापसी में उस परिंदे के मुंह में ज़ैतून के पेड़ के पत्ते थे |
कुरआन मजीद में ज़ैतून का ज़िक्र –
अल्लाह तआला का इरशाद है –
” और ख़जूर और मजरूआत जिन के जाएके एक दुसरे से मुख्तलिफ हैं और ज़ैतून और अनार जिन की शक्लें एक दुसरे से मिलती हैं और वह जिनकी शक्लें नहीं मिलतीं तुम उसके फलों को उस वक़्त खूब खाओ जब वह पक जाएं| मगर जाया न करो ” (सुरह अल – इनआम)
” और फिर तुम एसे बाग़ उगाओगे जिन में ख़जूर और अंगूर के अलावा दुसरे फ़ल होंगे | और ये फ़ल तुम रगबत से खाते हो और तुर पहाड़ के इलाके में वह दरख्त है जिस से वह तेल निकलता है जो तुम्हारी रोटी के साथ सालन का काम देता है ” (सुरह मोमीनून)
क़सम है इन्जीर की और क़सम है ज़ैतून की और क़सम है तूरे सिनीन की और क़सम है उस अमन वाले शहर की (सुरह – अत- तीन )
इसी के मुताल्लिक हदीसें –
एक मर्तबा हज़रत उमर फ़ारूक़ (रज़ी०) के पास एक मेहमान आया | उन्होंने रात के खाने में उसे ऊंट की सरी और ज़ैतून का तेल पेश करते हुए कहा – मैं तुम्हे इस लिए खिला रहा हूँ के नबी (स०अ०) ने इस को मुबारक दरख़्त क़रार दिया है |
हज़रत असीरा अल – अंसारी (रज़ी०) और हज़रत अबू सईद खुदरी (रज़ी०) और हज़रत अबू हुरैरह (रज़ी०) से रवायत है के रसूल अल्लाह (स०अ०) ने फ़रमाया – ज़ैतून का तेल को खाओ और उस से जिस्म की मालिश करो के ये एक मुबारक दरख़्त से है | (तिरमिज़ी, इब्ने माजा, मुस्तारक अल्हाकिम )
हज़रत अलक़मा बिन आमिर (रज़ी०) रिवायत फरमाते हैं के नबी (स०अ०) ने फ़रमाया – तुम्हारे लिए ज़ैतून का तेल मौजूद है | इसे खाओ और बदन पर मालिश करो, क्युकि ये बवासीर में फायदा देता है | (इब्ने अल जौज़ी)
ज़ैतून के फायदे (तिब्बे नबवी )–
(1) बवासीर का इलाज –
जैसा के उपर लिखी हदीस है के –
हज़रत अलक़मा बिन आमिर (रज़ी०) रिवायत फरमाते हैं के नबी (स०अ०) ने फ़रमाया – तुम्हारे लिए ज़ैतून का तेल मौजूद है | इसे खाओ और बदन पर मालिश करो, क्युकि ये बवासीर में फायदा देता है | (इब्ने अल जौज़ी)
(2) ज़ख्म का ठीक होना –
हज़रत अलक़मा बिन आमिर (रज़ी०) रिवायत फरमाते हैं के नबी (स०अ०) ने फ़रमाया – तुम्हारे पास उस मुबारक दरख़्त से ज़ैतून का तेल मौजूद है | इससे इलाज करो ये बासौर को ठीक करता है
नोट – बासौर से मुराद मकअद का ज़ख्म है |
(3) कोढ़ का इलाज –
हज़रत अबू हुरैरह (रज़ी०) रिवायत फरमाते हैं के नबी (स०अ०) ने फ़रमाया – ज़ैतून का तेल खाओ और इसे लगाओ क्युके इस में 70 बिमारियों से शिफ़ा है जिन में एक कोढ भी है |
(4) शैतान का करीब ना जाना –
मुहम्मद अहमद ज़हबी (र०) ने सनद के बगैर इब्ने अल – जौज़ी से रवायत किया है के नबी (स०अ०) ने फ़रमाया – जिस ने ज़ैतून के तेल की मालिश की, शैतान उस के करीब न जायेगा |
(5) चेहरे का निखारना –
इब्ने अल – कीम (र०) कहते हैं के सुर्ख ज़ैतून का तेल सियाही माएल से बेहतर है | ये ताब्यात को बहाल करता है और चेहरे के रंग को निखारता है
(6) ज़हर के असर को खत्म करता है
ज़ैतून के तेल से ज़हर के असर को ख़तम करता है
(7) पेट के कीड़े को निकालता है
पेट में अगर कीड़े हों तो ज़ैतून के तेल से कीड़े मर जाते हैं
(8) बालों को चमक पैदा करता है
ज़ैतून का तेल खाने के अलावा अगर बालों पर भी लगाया जाये तो बालों में चमक पैदा होता है
(9) बुढ़ापे के तकलीफों को दूर करता है
अगर ज़ैतून तेल की मालिश करें तो बुदापे तक हड्डियाँ माबूत रहतीं हैं
(10) दांत और मसोड़ों के लिए मुफ़ीद –
ज़ैतून के तेल को नमक में मिला कर मसुड़ों पर लगाया जाये तो मसूड़ों में जान पैदा होती है
(11) आग़ के जलने से राहत –
अगर जिस्म का कोई हिस्सा आग से जल गया हो तो ज़ैतून का तेल लगाने पर बहुत आराम हासिल होता है
(12) फुंसियाँ और खारिज़ वगैरह में फायदेमंद –
ज़ैतून के पत्ते को पानी के साथ लगाने से फोड़े,फुंसी वगैरह में बहुत आराम हासिल होता है
(13) पथरी में फायदेमंद –
पित्ते में पथरी हो तो ज़ैतून का तेल रोजाना के इस्तमाल से ठीक हो जाता है |
दीन की सही मालूमात कुरआन और हदीस के पढने व सीखने से हासिल होगी |(इंशाअल्लाह)
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