ISLAMIC TOPICS

Allah ki Qudrat in hindi – अल्लाह की नेमतें

 

بِسْمِ اللهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِيْمِ

” शरू अल्लाह के नाम से जो सब पर मेहरबान है बहुत मेहरबान है “

 

अल्लाह की कुदरत से काएनात के खालिक व मालिक की मख्लुकात और उन की खुसुसियात में गौर व फ़िक्र का ज़ज्बा पैदा होगा और उसकी बेमिसाल कारीगरी को पढ़ कर ईमान में ताज़गी  पैदा होगी |

 

अल्लाह की कुदरत और निशानियाँ – 

(1) असमान –

अल्लाह तआला ने हमारे उपर मज़बूत असमान बनाया,रौशनी के लिए इसमें चाँद,सूरज और चमकदार सितारे बनाए और उसी ने बिना सहारे के उसे ज़मीन पर गिरने से रोक रखा है|जबके इंसान,हलकी सी चीज़ को बैगैर सहारे के रोक नही सकता,अल्लाह तआला ने हजारों साल से असमान को बगैर सहारे के रोक कर अपने कुदरत का ज़बरदस्त इज़हार किया है |

अल्लाह रब्बुल इज्ज़त इरशाद फरमाता है – ” क्या वह नही देखते के बगैर सतूनों के कैसे बुलंद किया गया ” (सुरह गाशिया )

 

(2) ढूध – 

अल्लाह तआला ने लोगों की गिज़ा के लिए दूध का इंतज़ाम फ़रमाया और इसके लिए गाय,भैस ,ऊंट,बकरी जैसे जानवर पैदा किये,जो अपनी बच्चों को भी दूध पिलातें हैं और इंसानों को भी दूध से सैराब करतें हैं|

गौर करने की बात है के,चौपाए एक ही तरह की घास खातें हैं मगर उन जानवरों के गोबर और खून के दरमियान से पाक साफ़ दूध का नकलना अल्लाह की कुदरत का अजीब व गरीब नमूना है |

 

(3) सूरज –

सूरज !अल्लाह तआला की बनाई हुई एक ज़बरदस्त मखलूक है |सूरज की लम्बाई,चडाई लाखों मील है,और वज़न के एतेबार से ज़मीन के मुकाबले लाखों गुना ज्यादा है,इतने बड़े और वज़नी सूरज को मुक़र्रर निज़ाम के तहत चलाना और करोड़ो मील की दुरी से पूरी दुनिया को रोशिनी और गर्मी अता करना,अल्लाह तआला  की कुदरत की बड़ी निशानी है |

 

(4) हवा –

अल्लाह तआला ने हमारे लिए हवा बनाई,हवा ही के ज़रिये हम सांस लेते हैं और एक दुसरे की आवाज़ सुनते हैं और बात करते हैं,ज़मीन से क़रीब 5 किलो मीटर की ऊँचाई के बाद हवा की रफ़्तार हलकी हो जाती है और क़रीब 500 किलो मीटर की उचाई के बाद किसी जानदार का जिंदा रहना मुमकिन नही|

अगर ज़मीन पर चंद मिनटों के लिए हवा बंद कर दी जाये तो सारी मखलूक हलाक़ हो जाये,और इस हवा का कोई टेक्स  नही यानी दिन भर में ना जाने कितनी बार साँस लेते हैं पर कोई पैसा नही लगता,यकीनन ये अल्लाह रब्बुल इज्ज़त की अहम् नेमत और कुदरत का नमूना है |

 

(5) शक्ल व सूरत का अलग होना –

दुनिया में कितने इंसान  हैं,मगर किसी की शक्ल किसी से हुबहु नही मिलती और मर्द की अलग सूरत,औरतों की अलग रंग व रूप और इंसान के हाथों की लकीर दुनिया की किसी भी इंसान की लकीरों से नही मिलती,ये अल्लाह तआला की कुदरत का अजीबो गरीब कारीगरी है | 

 

(6) पहाड़ –

अल्लाह तआला ने ज़मीन को पानी पर बिछाया,फिर इस पर बड़े बड़े पहाड़ एसी हिकमत से गाड़े के इस का जितना हिस्सा ज़मीन के उपर है,इससे कहीं ज्यादा ज़मीन के निचे है,उन पहाड़ों ने ज़मीन को हिलने से रोक रखा है ,अगर ये पहाड़ न होते तो ज़मीन पर इतने ज़लज़ले आते के ज़मीन का सारा निजाम दरहम – बरहम हो जाता लेकिन ये अल्लाह तआला ही की ज़ात है,जिसने ज़मीन को पहाड़ों की कीलों से बांध रखा है|

अल्लाह तआला ने कुरान में फ़रमाया है – क्या हम ने ज़मीन को फर्श और पहाड़ों को कीलें नहीं बनाया (यकीनन ये सब हमारी ही कारीगरी है ) 

 

(7) पानी –

पानी अल्लाह रब्बुल इज्ज़त की एक अहम् निशानी है,बिना पानी के मखलूक जिंदा नही रह सकती |अल्लाह का कितना अहसान व करम है की पूरी दुनिया में रोजाना न जाने कितनी ही पानी खर्च होती है,मगर आज तक कभी पानी की कमी ना हुई,हर मखलूक को पानी अपने ज़रूरत के मुताबिक मिलती रहती है |

 

(8) ज़मीन के खज़ाने –

अल्लाह तआला ने ज़मीन में हीरे,मोती,सोना,चांदी,लोहा,पीतल और ना जाने कितनी किस्मों के धातुओं को पैदा फ़रमाया ,जिसके इस्तमाल से इंसान हजारों किस्म की चीजें तैयार कर लेता है,ज़मीन से धातुओं का पैदा करना यकीनन अल्लाह की बड़ी कुदरत और निशानी है |

 

(9) रात और दिन –

रात और दिन का बारी बारी आना ये अल्लाह तआला की कुदरत है,अल्लाह ने दिन बनाये ताके इंसान काम काज करे और अपने रोज़ी हासिल करे और  रात इसलिए बनाया के अपने काम से थक कर रात में आराम कर सके,ये अल्लाह रब्बुल इज्ज़त की,इंसानों के लिए करम और बड़ी हिकमत है |

 

(10) चाँद और तारे –

अल्लाह ने चाँद और तारे को इंसानों के लिए पैदा फ़रमाया ताके उससे फायदा हासिल कर सके,लेहाज़ा रात में चाँद की रोशिनी से  सुकून हासिल होती है और इस्लामी महीने का भी पता चलता है और सितारे रात में टिमटिमाते हैं जिससे क़ल्ब को सुकून हासिल होता है|

 

दीन की सही मालूमात  कुरआन और हदीस के पढने व सीखने से हासिल होगी |(इंशाअल्लाह)

पोस्ट को share करें 

दुआ की गुज़ारिश 

 

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!