Corona ki Dua Hindi - कोरोना की दुआ हिंदी में
कोरोना वायरस –
पूरी दुनिया में आज एक ही चर्चा आम है और वो है कोरोना जो के एक ख़तरनाक और ला-ईलाज
वबा(बीमारी) है।कोरोना की दुआ से ही इंशाअल्लाह हमें फायदा हो सकता है ,
लोगों में ये बात भी आम है कि कोरोना वायरस(corona virus) मुल्क चीन से फैला है। और ये के इस वायरस को बनाने वाला चाइना है,जो ये सरासर गलत है क्योंकि इंसान की ये अख्तियार नहीं के कोई चीज पैदा करके उसमे रूह फूके,ये सिर्फ और सिर्फ एक अल्लाह रुब्बुल इज्ज़त का काम है,वही वाहदहू ला शरीक है। वही पैदा करता है और मारता है।
सबसे पहले एक अहम बात, इस वबा यानी कोरोना से बिल्कुल ना घबराएं।ये अल्लाह के तरफ़ से है।और ठीक करने की जात सिर्फ वही है। लिहाज़ा कोरोना की दुआ ज्यादा से ज्यादा पढ़े और अल्लाह को ख़ुश करने में लग जाएं।क्युकी बहुत मुमकिन है
अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त हमसे खफा है, ज्यादा इबादत करें, दुआ में रोएं, अल्लाह से इससे छुटकारा मांगे। ये सब हमारे बुरे करतूतों का नतीज़ा है,जो वबा के शक्ल में है|
पूरी दुनिया के साइंसदां जो अपने इन्वेंशन(invention ) से दुनिया में मशहूर होते हैं,आज सिर्फ एक छोटे हकीर वायरस जो दिखता भी नहीं,परेशानी का बाईस बना है । बड़े बड़े दावे करने वाले आज बेबस हैं, इस वबा के मामले में कुछ नहीं कर सके।सिर्फ कोशिश की बुनियाद पे कायम हैं।जहां तक इस्लाम का मामला है,इस कारोना जैसी वबा कोई नई बात नहीं है।
वबा (corona ) के मुतल्लिक़ नबी हादीसें –
“क्यामत से पहले मौत फैलेगी तो बाहर शिद्दत से हर तरफ फैल जाएगी इसके बाद ज़लज़लों वाले साल होंगे(मस्नादे अहमद)”
हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के हदीस का माफुम है के आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने एसे इलाक़े जहां वबा(corona ) फैली हो वहां जाने से मना फ़रमाया है और अगर जहां वबा(corona ) फैली हो और वहां कोई शख्स मौजूद हो तो वहां से ना भागे।
आप (स० अ०) ने एसे इलाकों से जहां वबा फैली हो इस से निकाल भागने से मना इसलिए फ़रमाया के –
इंसान का ताल्लुक उन मुश्किलात में फंसे हुए लोगों के साथ रह कर अल्लाह तआला से ताल्लुक की मजबूती को ज़ाहिर करना अल्लाह पर भरोसा करना,अल्लाह के फैसले पर मुस्तैदी से कायम रहना और अल्लाह के तकदीर पर राज़ी रहना।
“ नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लमने फ़रमाया – जब बंदा बीमार होता है, तो अल्लाह तआला इस के तरफ दो फरिश्ते भेजता है और फ़रमाता है के देखते रह वो उन लोगों से क्या कहता है जो इस की बीमार पूर्सी को आते हैं।अगर वो उन के सामने अल्लाह अजवाज़ल की हमद व सना करता है तो फरिश्ते इस की हमद व सना को उपर अल्लाह अज़वज़ल की तरफ ले कर चढ़ जाते हैं।हालाकि वो इसे खूब जानता है,तो फ़रमाता है मेरे बंदे का मुझ पर है के अगर में इसको फौत कर दू तो इसको जन्नत में दाखिल करूंगा।और अगर शिफा दूंगा तो इस को पहले गोस्त से अच्छा गोस्त और इसको बेखून से अच्छा खून दूंगा और इस से इस की बुराइयों को दूर कर दूंगा। ”
कोरोना की दुआ –
“अल्लाहुम्मा ‘आफ़िनी फ़ी ब–दनी अल्लाहुम्मा ‘आफ़िनी फ़ी सम–ई अल्लाहुम्मा ‘आफ़िनी फ़ी ब–सरि ला इलाहा इल्ला अन्ता”
इलाही मुझे मेरे बदन में आफ़ियत दे,इलाही मुझे मेरे कानों में आफ़ियत दे,इलाही मुझे मेरे आँखों में आफ़ियत दे तेरे सिवा कोई माबूद नहीं”
(सुबह शाम पढ़ने का अहतमाम करें )
In English –
“ALLAHumma ‘Aafini Fee Ba-da-nee ALLAHumma Aafini Fi Sam’ee ALLAHumma ‘Aafini Fee Ba-sa-ri La ilaha Illa Anta”
कोरोना मुताल्लिक एक और दुआ –
अल्लाहुम्मा इन्नी अस अलुकल अफवा वल आफिया फ़िद्दुनिया वल आखिरह
IN ENGLISH
Allahumma inni as alukal afwa wal aafiya fidduniya wal akhirah
“ऊपर के दुआ को जो अज़ान से लेके जमात खड़ी होने तक के बीच में पढ़ लेगा, अल्लाह तआला उसको तन्हाई के गुनाहों से बचाएँगे, और एसी बीमारी से बचाएंगे जो मौत का सबब बन जाये और उसको दुनिये के ज़ालिम लोगों से बचाएँगे “
दुनियावी एहतियात –
जब वबा फ़ैल गई हो तो दुआ के साथ साथ हमे चंद एहतियातों का भी खयाल रखना ज़रूरी है।
क्यों कि हमारे नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के एक हदीस का मफुम है के एक सहाबी (रजी०) के पास एक जानवर था उन्होंने हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से पूछा के अल्लाह के रसूल, क्या इस जानवर को बाधना ज़रूरी है,मुझे अल्लाह पर भरोसा है के वो इस जानवर को जाया नहीं करेंगे।तो हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया पहले जानवर को बांधों फिर अल्लाह पर तवक्कल करो।
तो इसी तरह हमें भी चाहिए के पहले एहतियात करें फिर बाकी अल्लाह पर छोर दें।
कुछ एहतियात ये हैं –
- हमेशा हाथों को धोते रहना या बहुत बेहतर है हमेशा बा वज़ू रहना।
- हमेशा मास्क का इस्तेमाल करना क्युकि वायरस जाने का अहम ज़रिए हमारे मुंह, नाक वगैरह है।बहुत ज़रूरी हो तो घर से बाहर निकलना,बेवजह या सैर व तफरी के लिए ना निकलें।
- कम से कम 1 मीटर की दूरी बनाए रखे।ये बीमारी छूने से फैलती है।
अपने मुल्क की गाइडलाइन को भी मानना ज़रूरी है।जैसा के सरकारी डाक्टरों की बात मानना वगैरह। - जिस मुल्क में हो वहां का क़ानून फ़ॉलो करना हमारी ज़िम्मेदारी और ये नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की सुन्नत है।अब अगर हमारे मुल्क में ये ऑर्डर जारी की है के वबा (corona ) में घर से ना निकलें, तो उसको मानना बहुत ज़रूरी है और खुद भी हमारे लिए फायदेमंद है।
दीन की सही मालूमात कुरआन और हदीस के पढने व सीखने से हासिल होगी |(इंशाअल्लाह)
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दुआ की गुज़ारिश
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