بِسْمِ اللهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِيْمِ
” शरू अल्लाह के नाम से जो सब पर मेहरबान है बहुत मेहरबान है “
आप का कबीला –
आप (स०अ०) क़ुरैश खानदान में पैदा हुए,क़ुरैश एक अरबी लफ्ज़ है,
जिसका मतलब समंदर के एक मछली के है जो के दुसरे समंदर की जानवरों से ज़ोर और ताक़त में बढ़ कर होती है|
मुल्के अरब में क़ुरैश का खानदान बड़ी क़दर की निगाह से देखा जाता था बलके दुसरे मुल्को के लोग भी क़ुरैश की इज्ज़त करते थे|जिस ज़माने में हमारे नबी जनाबे मुस्तफा (स०अ०) मक्का में तशरीफ़ लाये,उस वक़्त क़ुरैश का कबीला एक बहुत बड़ा घराना बन चूका था|
कुरैशी की चंद कबीलों के नाम –
(1) बनी हाशिम
(2) बनी तयीम
(3) बनी मख्जूम
(4) बनी सहम
(5) बनी ज़ुहरह
(6) बनी अदि , वगैरह
बनी हाशिम –
सारे अरब में क़ुरैश का घराना बड़ी शान व शौकत का था और क़ुरैश कबीला में सबसे अफज़ल कबीला बनी हाशिम का था,यही घराना और कबीला आप (स०अ०) का था |आप के दादा अबू मुताल्लिब हाशिम काबिले के बहुत इज्ज़तदार शख्स थे, उनके तमाम बेटों में सबसे ज्यादा हुस्न व जमाल वाले आप (स०अ०) के वालिद जनाब अब्दुल्लाह थे, जो आप के पैदाइश के चंद महीने पहले इंतकाल हो गए थे|
आपके कुल 12 चचा थे,उनमे से 5 मशहूर थे और 2 चचाओ ने आप पर ईमान ले आया था,जो के हज़रत हमज़ा और हज़रत अब्बास (रज़ी०) थे,हालाके अबू तालिब जो आप के चचा थे वो ईमान तो नही लाये मगर मरते दाम तक आप का साथ दिया,उनकी ज़िन्दगी में क़ुरैश काबिले के किसी शख्स की जुर्रत न थी के आप (स०अ०) को कोई नुकसान पंहुचा दे|
जब आप (स०अ०) को नबूवत मिली तो सारा कबीला आप का दुश्मन बन बैठा,सिवाए चंद अफराद के किसी ने आपका का कहना न माना,बहुत सारी जंगे आप के काबिले वालों के साथ हुई|
दीन की सही मालूमात कुरआन और हदीस के पढने व सीखने से हासिल होगी |(इंशाअल्लाह)
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दुआ की गुज़ारिश
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