Masnoon Duain (Part – 1)
अल्लाह का कितना अहसान व करम है के अल्लाह ने हमें मुसलमान बनाया,और एक हक़ और सच की पैरवी करने वाला बनाया,
हम सुबह से शाम तक अपने रोजाना के काम करते हैं,कितना अच्छा हो के हम अपने रोजाना के कोई भी काम को अल्लाह के ज़िक्र के साथ करें तो इससे हर काम में बरकत होगी और साथ ही हमारे नामे अमाल में नेकी बढ़ जाएगी |
लिहाज़ा हर चीज़ की हमारे नबी करीम (स०अ०) ने दुआ बताई है,इंशाल्लाह नीचे रोजाना के पढने वाली दुआएं (Part – 1 ) पेश की जा रही हैं,इसे याद कर लें और अपने रोजाना के मामूर में शामिल करें|
मसनून दुआएं
1 खाने के पहले की दुआ بِسْمِ اللّٰہِ وَعَلٰی بَرَكَةِ اللّٰہِ बिस्मिल्लाह ही वाला बरकतिल्ला अल्लाह के नाम से शुरू करता हु जो बड़ा बरकत वाला है |
2 खाने से पहले दुआ कहना भूल जाएं بسم الله. أوله وآخره बिस्मिल्लाह ही अव्वल हु वल अखिरह शुरू अल्लाह के नाम से जो अव्वल भी है और आखिर भी |
3 खाने के बाद की दुआ الْحَمْدُ لِلَّهِ الَّذِي أَطْعَمَنَا وَسَقَانَا وَجَعَلَنَا مِنَ الْمُسْلِمِينَ अल्हुम्दु लील लाहिल लज़ी अत अमना व सकाना व जअल्ना मीनल मुसलिमीन तमाम तारीफें सिर्फ अल्लाह के लिए हैं,जिसने खिलाया पिलाया और मुसलमान बनाया |
4 सोने से पहले की दुआ اَللّٰھُمَّ بِاسْمِكَ أَمُوتُ وَأَحْيَ अल्लाहुम्मा बिस्मिका अमूतु व अहया ए अल्लाह !मैं तेरे नाम के साथ मरता हु और जिंदा होता हु |
5 सुबह उठने के बाद की दुआ الْحَمْدُ لِلّٰہِ الَّذِي أَحْيَانَا بَعْدَ مَا أَمَاتَنَا وَإِلَيْهِ النُّشُورُ अल हम्दुलिल लाहिल लज़ी अह्याना बअदमा अमताना व इलायहिन नुशूरतमाम तारीफें उस अल्लाह के लिए हैं जिसने हमें मौत ( नींद ) के बाद जिंदा ( जगाना ) किया और उसी की तरफ लौट कर जाना है |
6 घर में दाखिल होने की दुआ اَللّٰھُمَّ اِنِّیْ اَسْئَلُکَ خَیْرَالْمَوْلِجِ وَخَیْرَالْمَخْرَجِ بِسْمِ اللّٰہِ وَلَجْنَا وَبِسْمِ اللّٰہِ خَرَجْنَا وَعَلَی اللّٰہِ رَبِّنَا تَوَکَّلْنَا ۔ अल्लाहहुम्मा इन्नी असअलुका खैरलमौलिजी वखैरिल मखरजी बिस्मिल्लाही खरजना व अलल लाही रब्बना तवक्कल ना ए अल्लाह! मई सवाल करता हु आप से अच्छे दाखले का और अच्छी तरह निकलने का,अल्लाह के नाम से मई दाखिल हुआ ,अल्लाह के नाम से निकला और अपने रब अल्लाह पर मैंने भरोसा किया |
7 घर से निकलते वक़्त की दुआ بِسْمِ اللّٰہِ تَوَكَّلْتُ عَلَى اللّٰہِ وَلَا حَوْلَ وَلَا قُوَّةَ إِلَّا بِاللّٰہِ बिस्मिल्लाही तवाक्कालतू अलल लाही वला हौला वलाकुवाता इल्ला बिल्ला अल्लाह के नाम से घर से निकलता हु,मैंने अल्लाह पर भरोसा किया,अल्लाह के सिवा न कोई ताक़त है और न ही कुवत है |
8 मस्जिद में दाखिल होने की दुआ اَللّٰهُمَّ افْتَحْ لِيْ اَبْوَابَ رَحْمَتِکَ अल्लाहुम्म मफ़तह लि अब्वाबा रह्मतिक ए अल्लाह! मेरे लिए रहमत के दरवाज़े खोल दे |
9 मस्जिद से निकलने की दुआ اَللّٰهُمَّ اِنِّيْ اَسْاَلُکَ مِنْ فَضْلِکَ وَرَحْمَتِکَ अल्लाह हुम्मा इन्नी असअलुका मिन फज्लिका व रह्मतिका ए अल्लाह! मै तुझसे तेरा फज़ल और तेरी रहमत मागता हु |
10 सफ़र की दुआ سُبْحَانَ الَّذِي سَخَّرَ لَنَا هَـٰذَا وَمَا كُنَّا لَهُ مُقْرِنِينَ وَإِنَّا إِلَىٰ رَبِّنَا لَمُنقَلِبُونَ सुबहा नल लज़ी सखखरलना हाज़ा वमा कुन्ना लहू मुकरीनीना व इन्ना इला रब्बिना लमूनक़लिबुन अल्लाह का शुक्र है,(पाक है वह ज़ात जिसने इस सवारी को हमारे क़ाबू में कर दिया है, ह़ालांकि हम इसे अपने क़ाबू में नहीं कर सकते थे |
11 गली से गुज़रने के वक़्त की दुआ (तीसरा कलमा) سُبْحَان اللهِ وَالْحَمْدُلِلّهِ وَلا إِلهَ إِلّااللّهُ وَاللّهُ أكْبَرُ وَلا حَوْلَ وَلاَ قُوَّةَ إِلَّا بِاللّهِ الْعَلِيِّالْعَظِي सुब्हानल्लाही वल् हम्दु लिल्लाहि वला इला-ह इलल्लाहु वल्लाहु अकबर, वला हौउला वला कूव्-व-त इल्ला बिल्लाहिल अलिय्यील अजीम अल्लाह पाक है और सब तारीफें अल्लाह ही के लिए है और अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं. इबादत के लायक तो सिर्फ अल्लाह है और अल्लाह सबसे बड़ा है और किसी में न तो ताकत है न बल लेकिन ताकत और बल तो अल्लाह ही में है जो बहुत शान वाला और बड़ा है ! |
12 बाज़ार से गुज़रने के वक़्त की दुआ (चौथा कलमा) لَآ اِلٰهَ اِلَّا اللهُ وَحْدَهٗ لَا شَرِيْكَ لَهٗ لَهُ الْمُلْكُ وَ لَهُ الْحَمْدُ يُحْىٖ وَ يُمِيْتُ وَ هُوَحَیٌّ لَّا يَمُوْتُ اَبَدًا اَبَدًاؕ ذُو الْجَلَالِ وَالْاِكْرَامِؕ بِيَدِهِ الْخَيْرُؕ وَهُوَ عَلٰى كُلِّ شیْ ٍٔ قَدِیْرٌؕ ला इलाह इल्लल्लाहु वह्-दहु ला शरीक लहू लहुल मुल्कु व लहुल हम्दु युहयी व युमीतु व हु-व हय्युल-ला यमूतु अ-ब-दन अ-ब-दा जुल-जलालि वल इक्राम वियदिहिल खैर व हु-व अला कुल्लि शैइन क़दीर अल्लाह के सिवा कोई माबूद और इबादत के लायक नहीं, वह अकेला है, उसका कोई शरीक नहीं, सबकुछ उसी का है. और सारी तारीफ़ें उसी अल्लाह के लिए है, वही जिलाता है और वही मारता है, और वोह जिन्दा है, उसे हरगिज़ कभी मौत नहीं आएगी, वोह बड़े जलाल और बुजुर्गी वाला है, अल्लाह के हाथ में हर तरह कि भलाई है और वोह हर चीज़ पर क़ादिर है,
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13 जब किसी से मुलाक़ात हो اَلسَّلَامُ عَلَيْكُمُ وَعَلَيْكُمُ السَّلَامُ अस्सलामु अलैकुम या वाअलेकुम अस्सलाम सलामती हो तुम पर , और तुम पर भी सलामती हो |
14 छीक आने पर اَلْحَمْدُ لِلّٰہِ अल्हुम्दुलिलाह तमाम तारीफें अल्लाह के लिए है |
15 बैतूल खला (toilet) में दाखिल होने की दुआ اَللّٰھُمَّ إِنِّي أَعُوذُ بِكَ مِنَ الْخُبُثِ وَالْخَبَائِثِ अल्लाहुम्मा इन्नी अयुज़ुबिका मिनल खुबुशी वल खाबयेस ए अल्लाह! मैं नापाक जिन्न ( नर और मादा) से तेरी पनाह मागता हु| |
16 बैतूल खला (Toilet) से बाहर निकलने की दुआ اَلْحَمْدُ لِلّٰہِ الَّذِي أَذْهَبَ عَنِّي الْأَذَى وَعَافَانِي अल्हुमदु लिल लाहील लज़ी अज हबा अन्निल लज़ी व आफ़ानी अल्लाह का शुर्क है जिसने मुझसे अज़ीयत दूर की और आफियत दी |
17 वजू करने से पहले की दुआ بِسْمِ اللّٰہِ बिस्मिल्लाह अल्लाह के नाम से शुरू करता हु |
18 वजू के बाद की दुआ اَللّٰھُمَّ اجۡعَلۡنیۡ مِنَ التَّوَّابِیۡنَ وَاجۡعَلۡنِیۡ مِنَ الۡمُتَطَہِّرِیۡنَ ऐ अल्लाह तू मुझे तौबा करने वालों और पाक लोगों में कर दे |
19 कपड़ा पहनने की दुआ الحَمْدُ لِلهِ الَّذِي كَسَانِي هَذَا الثَّوْبَ وَرَزَقَنِيهِ مِنْ غَيْرِ حَوْلٍ مِنِّي وَلَا قُوَّةٍ अल्हम दुलिल लाहिल लज़ी कसानी हाज़ा व रज़क़निही मिन गैरी हव्लिम मिन्नी वला कुव्वह तमाम तारीफें उस अल्लाह के लिए हैं जिस ने हमें इसे पहनाया और और बगैर मेरी कुव्वतो ताक़त के मुझे नवाज़ा |
20 आईना देखने की दुआ اَللّٰهُمَّ أَنْتَ حَسَّنْتَ خَلْقِيْ فَحَسِّنْ خُلُقِيْ अल्लाहुम्मा अन्ता ‘हस्सन-ता ख़ल-क़ी फ़ ‘हस्सिन ख़ुलूक़ी ऐ अल्लाह! जैसे तूने मेरी सूरत अच्छी बनाई मेरे अख़लाक़ भी अच्छे कर दे| |
अगले Part में इंशाल्लाह और कुछ मस्नून दुआ पेश की जायेंगी|
दीन की सही मालूमात कुरआन और हदीस के पढने व सीखने से हासिल होगी |(इंशाअल्लाह)
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दुआ की गुज़ारिश
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