بِسمِ اللہِ الرَّحمٰنِ الرَّحِيم
” शुरू अल्लाह के नाम से जो सब पर मेहरबान है बहुत मेहरबान है”
रोज़े के मसाइल क्यों जानना ज़रूरी है ? –
रोज़ा हर मुसलमान मर्द और औरत पर फ़र्ज़ है ब-शर्ते के वो अक़लमंद हो, बालिग़ हो और साहेबे होश वाला हो | रोज़े के मसाइल हर शक्श को जानना ज़रूरी है ताके रोज़े को सही इल्म के साथ रखा जाये और अल्लाह तआला के तरफ् से जो इनामात हैं वह पूरी हासिल कर सके |
रोज़ा मजनून , नाबालिग़, पागल-दीवाना और बे होश पर फ़र्ज़ नहीं है |
रोज़े के मसाइल –
जिन चीजों से रोज़ा नहीं टूटता –
(1) अगर कोई भूल कर खा ले या पी ले तो नहीं टूटता अगर याद आ जाये तो फ़ौरन रुक जाये और कुल्ली कर ले |
(2) खुद ब ख़ुद उलटी आई तो रोज़ा नहीं टुटता
(3) आँख में दवा या सुरमा लगाने से रोज़ा नहीं टूटता
(4) थूक निगलने रोज़ा नहीं टूटता
(5) मुह से खून निकला और उसको मुह से निगल गया तो रोज़ा नहीं टूटता
(6) अगर किसी उज्र नमक ज़बान पर रखा और फिर थूक दिया तो रोज़ा नहीं टूटता
(7) इंजेक्शन लगवाने या गुलुकोज चढ़वाने से रोज़ा नहीं टूटता
(8) सोते हुए अह्तालाम(Night fall) आ जाने से रोज़ा नहीं टूटता
जिन चीजों से रोज़ा टूट जाता है –
(1) जान भुझ कर खा लिया तो रोज़ा टूट गया
(2) मुस्त जनी (masturbation) से रोज़ा टूट जाता है |
(3) रोज़े के दौरान बीवी से सोहबत कर लिया तो रोज़ा टूट गया, अगर बीवी से सिर्फ बोसा लिया या चूमा तो नहीं टूटता
(4) नाक में दवा डालने से रोज़ा टूट जाता है
(5) बीडी, सिगरेट, हुक्का से रोज़ा टूट जाता है
(6) कुल्ली करते हुए पानी हलक़ से नीचे उतर गया तो रोज़ा टूट गया
(7) जान भुझ कर उलटी करने से भी टूट जाता है |
(8) हैज़ और निफ़ास के आने से रोज़ा टूट गया
(9) रोज़े की हालत में शर्मगाह में दवा रखने से रोज़ा टूट जाता है |
(10) इन्हेलर(inheler) का इस्तमाल से रोज़ा टूट जाता है |
(11) किसी वजह (फहश फिल्म देखा या शर्मगाह देखना ) जिस से मनी का बहार निकल गया तो रोज़ा टूट जायेगा |
कज़ा और कफ्फारा का बयान –
क़ज़ा कहते हैं अगर बीमारी की वजह से या हैज़ और निफ़ास के वजह से या कोई जाएज़ उज्र की वजह से रमज़ान में रोज़े न रखा हो तो गैर रमज़ान में उस छुटे हुए रोज़े को पूरा कर ले |
कफ्फारा से मुराद रोज़े का जान भुझ कर छोड़ना या जान भुझ कर बीवी से हमबिस्तरी कर ली वगैरह इस सूरत में कफ्फारा लाजिम होगा और उसकी तलाफी ये है के –
(1) एक गुलाम या बांदी का आज़ाद करना (ये मुमकिन न हो तो )
(2) मुसलसल दो महीने का बिला नागा रोज़े रखना अगर एक दिन भी छुट जाये तो फिर से शुरू करनी पड़ेगी | और ये भी न हो तो
(3) 60 मिसकीनों को पेट भर खाना खिलाये
वो चीजें जिन से रोज़ा मकरूह हो जाता है –
(1) रोज़े की हालत में थूक को मुह में जमा करके निगलने से रोज़ा मकरूह होता है |
(2) किसी रबर या प्लास्टिक का चबाना या कोयले और टूथपेस्ट का इस्तमाल करना
(3) फिल्म देखना, गाना सुनना या बेहूदा बातें करना भी रोज़ा मकरूह कर देती है
(4) गीबत करना, झूठ बोलना, भूक प्यास का ज्यादा बयान करने से रोज़ा मकरूह होता है |
दीन की सही मालूमात कुरआन और हदीस के पढने व सीखने से हासिल होगी |(इंशाअल्लाह)
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