بِسمِ اللہِ الرَّحمٰنِ الرَّحِيم
” शुरू अल्लाह के नाम से जो सब पर मेहरबान है बहुत मेहरबान है”
दुआ मांगने का सही वक़्त और तरीका –
बाज़ अवक़ात एसे होते हैं के उस वक़्त अगर दुआ की जाये तो अल्लाह तआला के यहाँ ज़रूर क़ुबूल होते हैं और ये भी काबिले गौर है के अगर हम अपने प्यारे नबी करीम (स०अ०) के बताए हुए तरीक़े से दुआ करें तो ये भी अल्लाह के बारगाह में कुबूल होने का अहम् तरीका है |
अल्लाह तआला का इरशाद –
وَإِذَا سَأَلَكَ عِبَادِي عَنِّي فَإِنِّي قَرِيبٌ أُجِيبُ دَعْوَةَ الدَّاعِ إِذَا دَعَانِ
जब मेरे बन्दे मेरे बारे में आप से पूछे तो (कह दें ) मैं क़रीब हूँ | हर पुकारने वाले की पुकार का ज़वाब देता हूँ जब वह मुझे पुकारे |
हदीस –
रसूल अल्लाह (स०अ०) ने फ़रमाया – दुआ ही इबादत है, यानी अल्लाह तआला से दुआ करना भी इबादत है |
दुआ मांगने के आदाब –
(1) इखलास नीयत और पूरी तवज्जोह के साथ दुआ करना
(2) अल्लाह तआला की हमद व सना से आगाज़ करना
(3) दुआ की इब्तदा और आखिर पर दरूद पढ़ना
(4) कुबूलियत के यक़ीन के साथ दुआ मांगना
(5) अल्लाह तआला के अलावा किसी और से न मांगना
(6) पहले अपने लिए फिर दूसरों के लिए दुआ करना
(7) अल्लाह तआला से गुनाहों की बक्शीश तलब करना
(8) नेमतों पर अल्लाह का शुक्र अदा करना
दुआ के क़ुबूल होने का वक़्त –
(1) अज़ान और अक़ामत के दरमियान
(2) तहज्जुद के वक़्त
(3) फ़र्ज़ नमाज़ के बाद
(4) जुमा के दिन की एक घडी
(5) सजदे में
(6) सहरी के वक़्त
(7) रोज़े की हालत में
(8) शबे कद्र में
(9) कुरआन मजीद की तिलावत के बाद
(10) सफ़र में
(11) अरफा के दिन
(12) आबे जम ज़म पीते वक़्त
(13) मैदान ए जंग में
(14) बारिश के वक़्त
दीन की सही मालूमात कुरआन और हदीस के पढने व सीखने से हासिल होगी |(इंशाअल्लाह)
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दुआ की गुज़ारिश
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