DEENI MALUMAAT

Jannat ka Bayan – जन्नत के हसीन मनाज़िर

بِسْمِ اللهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِيْمِ

” शरू अल्लाह के नाम से जो सब पर मेहरबान है बहुत मेहरबान है “

 

जन्नत का बयान – 

जन्नत एक आराम व सुकून की जगह है जो सिर्फ मोमिन (यानी ईमान वाले) के  लिए अल्लाह तआला ने बनाई है |

बाज़ रिवायतों से पता चलता है के जन्नत एक चटियल मैदान है जो के अल्लाह के ज़िक्र और नेक अमाल से जन्नत के खली जगहों को भर सकते है |जन्नत में बुढ़ापा,बीमारी और मौत नही होगी |

 

अल्लाह तआला का इरशाद है –

” और जन्नत में तुम्हारे लिए हर वह चीज़ मौजूद होगी जिसका तुम्हारा दिल चाहेगा और जो तुम वहाँ मांगोगे,मिलेगा | यह सब कुछ उस जात की तरफ से मेहमानी के तौर पर होगा,जो बहुत बख्शने वाले,निहायत मेहरबान हैं ” (सुरह – हा मीम सजदा)

”  (अच्छे अमल करने वालों के लिए) जन्नत में हमेशा रहने के बाग़ होंगे ,जिसमे वे लोग दाखिल होंगे और उनको सोने के कंगन और मोती पहनाये जायेंगे और उनका लिबास रेशम का होगा और वे उन बागों में दाखिल होकर कहेंगे कि अल्लाह तआला का लाख लाख शुक्र है जिसने हमेशा – हमेश के लिए हर क़िस्म का रंज व गम दूर किया | बेशक हमारे रब बड़े बख्शने वाले और बड़े कद्रदान हैं जिन्होंने हमें हमेशा रहने के मकान में दाखिल किया जहां न हमको कोई तकलीफ़ पहुंचती है,न ही किसी किस्म की थकावट पहुंचती है  ” (सुरह फातिर,आयत 33-35)

 

जन्नत के मुताल्लिक हदीस – 

हज़रत अनस बिन मालिक (रज़ी०) रिवायत करते हैं कि रसूल अल्लाह (स०अ०) ने इरशाद फ़रमाया – जन्नत में चलने के दौरान मेरा गुजर एक नहर पर हुआ, उसके दोनों जानिब खोखले मोतियों से तैयार किये हुए गुम्बद बने हुए थे | मैंने जब्रील (अ०स०) से पूछा यह क्या है?जिब्रील (अ०स०) ने कहा,कि यह नहर कौसर है,जो आप के रब ने आप को अता फरमाई है | मैंने देखा कि उसकी मिट्ठी (जो उसकी तह में थी ) वह निहायत महकने वाली मुश्क थी | (बुखारी)

 

हज़रत सहल बिन साद (रज़ी०) से रिवायत है कि रसूल अल्लाह (स०अ०) ने इरशाद फ़रमाया – जन्नत में एक कूड़े की जगह यानी कम से कम जगह भी दुनिया और जो कुछ उसमें है,उससे बेहतर है (और ज्यादा क़ीमती ) है | (बुखारी )

 

जन्नत की नेमतें – 

(1) जन्नत की दिवार – 

हज़रत अबू हुरैरह (रज़ी०) फरमाते हैं के रसूल अल्लाह (स०अ०) ने इरशाद फ़रमाया – जन्नत की तामीर की एक ईट सोने की है और एक चांदी की,इसकी मिट्ठी ज़ाफ़रान की है और गारा कस्तूरी का है |

 

(2) जन्नत का मौसम –

जन्नत में ना गर्मी होगी ना सर्दी और ना ही सूरज और चाँद |हज़रत इब्ने अब्बास (रज़ी०) फरमाते हैं – जन्नत में जन्नती हजरात न धुप महसूस करेंगे न ठण्ड |

हज़रत मालिक (र०) से रिवायत है के रसूल अल्लाह (स०अ०) ने इरशाद फ़रमाया – जब जुनुब की हवा जन्नत में चलेगी तो मुश्क के टीले बिखेर दिए जायेंगे |

(3) जन्नत की नहरें –

जन्नत में 4 नहरें होंगी –

 

1. पानी – सैहून जन्नत में पानी की नहर है

2. शहद – मील जन्न्त में शहद की नहर है

3. शराब – फरात जन्नत में शराब की नहर है

4.दूध –  दजला जन्नत में दूध की नहर है

जन्नत में  एक एसी  नहर जिसका पानी दूध से ज्यादा सफेद और शहद से ज्यादा मीठा है और बर्फ से ज्यादा ठंडा ,जिसका नाम ” रजब ” है|जो रजब के महीने में रोज़े रखते हैं वो इस नहर का पानी पियेंगे |

 

(4) जन्नत का पेड़/दरख़्त – 

हज़रत अबू हुरैरह (रज़ी०) से रिवायत है कि रसूल अल्लाह (स०अ०) ने इरशाद फ़रमाया – जन्नत में एक दरख़्त एसा है कि सवार उसके साए में सौ साल चल कर भी उसको पार न कर सके और तुम चाहो तो ये आयत पढो  “ व जिल्लिल मम्दूद “ और जन्नती लम्बे सायों में (होंगे)

जन्नत में हर तरह के फलदार दरख़्त होंगे लेकिन खजूर,अनार और अंगूर के दरख़्त बकसरत होंगे |जन्नत के दरख़्त काँटों के बगैर होंगे ,केला और बेरी जन्नत के दरख़्त हैं| 

 

(5) जन्नत की हूरें –

अगर जन्नती खातून दुनिया में एक दफा झाक ले तो मशरिक व मगरिब के दरमियान हर चीज़ रोशन कर दे और सारी फिजा को खुशबू से मुअत्तर कर दे | (बुखारी)

बाज़ हूरें याकूत और मरजान की तरह रंगत में सुर्ख होंगी ,बे मिसाल हुस्न व जमाल,अपनी शौहरों की वफादार यानी इससे पहले किसी इंसान और जिन्न ने हाथ नही लगाया होगा |

हूरों के साथ जन्नती मर्दों का निकाह होगा,और वो आपस में हम उम्र होंगे | खुबसूरत मोतियों के खेमे हूर्रों की क़यामगाह होंगी  जहा जन्नती मर्द उनसे मुलाक़ात करेंगे|

एक रिवायत में है के जब जन्नती मर्द की  नज़र हूर पर पड़ेगी तो मुसलसल 40 साल तक बिना आँख झपके देखते ही रहेंगे| 

 

(6) जन्नत के ख़ादिम –

अहले जन्नत के ख़ादिम हमेशा कम उम्र होंगे,मोतियों की तरह खुबसूरत और दिलकश नज़र आएंगे |और इस तरह चाक व चौबंद होंगे के चलते फिरते यू नज़र आयेंगे जैसे बिखरे हुए मोती |

 

(7) जन्नत के लिबास  – 

जन्नत में जन्नातियों का लिबास बारीक रेशम और अतलस व देबा का सब्ज़ लिबास पहनेगे और हाथों में सोने के कंगन इस्तमाल करेंगे

जन्नती ख़वातीन 70- 70 जोड़े जेब तन करेंगे जो इस कद्र उम्दा और आला होगा के उनके अन्दर से उनकी पिंडलियां नज़र आएँगी|

 

(8) जन्नत का दरवाज़ा – 

सबसे से पहले  जन्नत का दरवाज़ा रसूल अकरम (स०अ०) के लिए खोला जायेगा |

हज़रत सहल बिन साद (रज़ी०) से रिवायत है के नबी अकरम (स०अ०) ने फ़रमाया – जन्नत में 8 दरवाज़े हैं जिन में से एक का नाम ”  रेयान ” है जिस में से सिर्फ रोजादार ही दाखिल होंगे (बुखारी )

 

(9) अल्लाह तअल्लाह की रज़ा और दीदार – 

अहले जन्नत की सबसे बड़ी कामयाबी ये होगी की अल्लाह रब्बुल इज्ज़त की रज़ा हासिल होगी | जन्नत में अल्लाह तआला जन्नातियों से गुफ्तगु फरमाएंगे |

जन्नातियों को सबसे ज्यादा खुशी उस वक़्त होगी जब अल्लाह तआला अपना दीदार करंगे |जन्नत में जन्नती लोग इस कद्र अल्लाह तआला का दीदार करेंगे जिस तरह चौदवी रात में चाँद को वाजेह और मुकम्मल शक्ल में देखा जाता है |

हज़रत जरीर बिन अब्दुल्लाह (रज़ी०) से रिवायत है के हम लोग रसूल अकरम (स०अ०) की खिदमत में हाज़िर हुए आप (स०अ०) ने चौदवी के चाँद की तरफ देखा और फ़रमाया – अनक़रीब तुम अपने रब को इसी तरह (बिला ज़हमत और बिला तकलीफ़) देखोगे जिस तरह इस चाँद को बिला ज़हमत और बिला तकलीफ़ देखते हो| (मुस्लिम)

 

दीन की सही मालूमात  कुरआन और हदीस के पढने व सीखने से हासिल होगी |(इंशाअल्लाह)

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दुआ की गुज़ारिश

 

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