NAMAZ

Eid ki Namaz aur Tariqa – ईद की नमाज़ का बयान

بِسمِ اللہِ الرَّحمٰنِ الرَّحِيم

शुरू अल्लाह के नाम से जो सब पर मेहरबान है बहुत मेहरबान है

 

 

ईद के बारे में –

इस्लाम में दो ईद हैं – ईद उल फ़ित्र और ईद उल अजहा, ये दोनों नमाजें वाजिब हैं | जिन लोगों पर जुमा की नमाज़ फ़र्ज़ है उन्ही पर ईद की नमाज़ वाजिब है और जो शर्तें जुमा की नमाज़ में है वही ईद की नमाज़ की हैं |

इस्लामी तारीख –

ईद उल फ़ित्र की एक अपनी इस्लामी तारीख है,नबी करीम (स०अ०) और सहाबा (रज़ी०)  ने रमज़ान के महीने में  जंग ए बदर की लडाई लड़ी और काफिरों के उपर फतह हासिल की और  इसी फतह की  खुशी में पहली बार 01 शव्वाल सन 624 हिजरी में ईद की नमाज़ अदा की थी |

ईद के दिन की सुन्नत  –

(1) ईद की नमाज़ के लिए गुस्ल और मिस्वाक करना

(2) नया या साफ़ सुथरा लिबास पहनना

(3) खुशबू लगाना

(4) ईद की नमाज़ से पहले ख़ुजुर या कोई मीठी चीज़ खाना

(5) नमाज़ से पहले  गरीब मिसकीनों  को सदक़ा देना ताके वह भी इस खुशी में शरीक़ हों

(6)  नमाज़ के लिए पैदल जाना

(7) एक रास्ते से जाना और दुसरे रास्ते से वापस आना

(8) ईद की नामाज से पहले नफ्ल नमाज़ पढना

(9) रास्ते में जाते वक़्त आहिस्ता अहिस्ता या बुलंद आवाज़ से तकबीर कहते हुए जाना  मुस्तहब है |

तकबीर –

اللَّهُ أَكْبَرُ اللَّهُ أَكْبَرُ لَا إلَهَ إلَّا اللَّهُ. وَاَللَّهُ أَكْبَرُ اللَّهُ أَكْبَرُ وَلِلَّهِ الْحَمْدُ.

 

ईद की नमाज़ का तरीका –
रकात –

ईद की नमाज़ दो रकात् वाजिब है और इसमी 6 जायेद तकबीर हैं | इस नमाज़ के लिए अज़ान और तकबीर नहीं |

नियत –

नियत ये हो की दो रकात ईद उल फ़ित्र की पढता हु, 6 जायेद तकबीरों के साथ, वासते अल्लाह के पीछे इस इमाम के  اللَّهُ أَكْبَرُ और फिर हाथ बांध लें |

फिर सना पढ़े –

سُبْحَانَكَ اللَّهُمَّ وَبِحَمْدِكَ وَتَبَارَكَ اسْمُكَ وَتَعَالَى جَدُّكَ وَلاَ إِلَهَ غَيْرُكَ

सना पढने के बाद इमाम के पहली तकबीर यानी اللَّهُ أَكْبَرُ कहने पर दोनों हाथों को कंधे तक उठाकर  फिर छोड़ दें और फिर उसी तरह इमाम के दूसरी तकबीर में भी हाथों को कंधे तक लाए और छोड़ दें |

जब तीसरी बार इमाम तकबीर اللَّهُ أَكْبَرُ कहे तो दोनों हाथों को कंधे तक उठाए और फिर हाथ बांध लें | फिर इमाम के साथ पहली रकात पूरी करें (यानी इमाम – सुरह फ़ातिहा और कोई सुरह पढ़े और रुकुह सजदा करे  )

दूसरी रकात के लिए खड़े हों ( इमाम के सुरह फ़ातिहा और कोई सुरह पढ़ने के बाद ) जब इमाम पहली  तकबीर اللَّهُ أَكْبَرُ  कहे तो रुकुह में ना जाये बल्कि सीधे खड़े रहकर तकबीर कहते हुए दोनों हाथों को कंधे तक लाए और फिर  छोड़ दें , दूसरी और तीसरी तकबीर में भी हाथ उठाए और छोड़ दें |

जब इमाम चौथी तकबीर اللَّهُ أَكْبَرُ कहे तो बिना हाथ उठाए तकबीर कहकर सीधे रुकुह में जाए और दूसरी रकात पूरी करें |

नमाज़ पूरी होने के बाद इमाम खड़े हो कर ख़ुत्बा पढ़े और तमाम लोग ख़ामोशी से ख़ुत्बा सुने | ईद की नमाज़ में भी दो ख़ुत्बा है | फिर दुआ के बाद अपने दोस्त व रिश्तदारों से गले मिले और ईद की खुशियों में शरीक करे |

 

मसला –

अगर कोई शख्स दूसरी रकात में शामिल हुआ तो पहली रकात की तक्बीरें उस वक़्त कहे जब अपनी छुटी हुए रकात पूरी करने खड़ा हो |

मसला –

अगर कोई शख्स आखरी रकात में सलाम फेरने से पहले शरीक हुआ तो अपनी दोनों रकात जायेद तकबीरों के साथ पूरी करे |

 

दीन की सही मालूमात  कुरआन और हदीस के पढने व सीखने से हासिल होगी |(इंशाअल्लाह)

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दुआ की गुज़ारिश

 

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