TIBBE NABVI

Shahad ke Fayde -शहद खाने के तरीके

शहद के फायदे (तिब्बे – नबवी)

(क़ुरान व हदीस की रौशनी में )

 

शहद के बेशुमार फायदे –

शहद को कौन नहीं जानता,शहद के फायदे अक्सर हम पढ़ते और सुनते हैं,जितना खाने में मीठा होता है उतना ही

उसके फायदे भी है।

क़ुरान मजीद में शहद की बहुत सी जगहों पे ज़िक्र आया है,शहद की मक्खी(Honey Bee) की इतनी अहमियत है के  पूरी एक सूरत इस के नाम से नाजिल हुई और अल्लाह ने इसके कमालात की तारीफ फरमाई।
शहद की मक्खी अल्लाह रब्बुल इज्ज़त की कुदरत का एक अहम नमूना है

 

शहद  के मुतल्लिक़ क़ुरान में ज़िक्र –

 

अल्लाह रब्बुल इज्ज़त क़ुरान में इरशाद फरमाते हैं के –

तर्जुमा –

आप के रब ने शहद की मक्खी के दिल में ये बात डाल दी के पहाड़ों और दरख़्तों और लोगों की बनाई हुई ऊंची ऊंची टट्टियों में अपने घर(छतें) बना,और हर तरह के मेवे खा और अपने रब के आसान राहों में चलती फिरती रह,उनके पेट से रंग बिरंग का मशरूब निकलता है।जिसके के रंग मुख्तलिफ हैं,और जिस में लोगों के लिए शिफा है गौर व फ़िक्र करने वालों के लिए इस में भी बहुत बड़ी निशानी है।(Surah Al – Nahal,Ayat 68,69)

 

इसी के मुतल्लिक़  हदीस – 

हजरत अब्दुल्लाह बिन अब्बास (रज़ि०)  रवायत फरमाते हैं के -रसूल (स० अ०) ने 4 बशरात को मारने से मना फ़रमाया
चींटी,शहद की मक्खी, हुद हुद और चिडी ममोला(अबू दाऊद)

हजरत आयशा सिद्दीका (रजि० ) कहती हैं कि पीने वाली चीजों में रसूलुल्लाह (स० अ०) को शहद सबसे ज्यादा पसंद था। उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी में रोजाना शहद पिया और हमेशा तंदुरुस्त रहे। (बुखारी)

हजरत अब्दुल्लाह बिन मसूद (रज़ि०) रिवायत फरमाते हैं कि नबी करीम (स० अ०) ने फरमाया तुम्हारे लिए शिफा के दो मजहर हैं, शहर और कुरान(इब्ने माज़ा) 

 

शहद के फायदे –

 

(1) शहद से दस्त (loose motion) का इलाज –

 

हजरत अबू  सईद खुदरी (रज़ि ०) रवायत फरमाते हैं  के एक आदमी नबी (स० आ ०) की खिदमत में हाजिर हुआ और बयान किया के उसके भाई को इशाल(दस्त) हो रहे हैं, रसूल अल्लाह (स०अ०) ने फरमाया के उसे शहद पिलाओ। वह फिर आकर कहने लगा के शहद पीने से ईशाल (दश्त) में इजाफा हुआ। उन्होंने फिर फरमाया के शहद पिलाओ, इसी तरह हाल बयान करता 3 मर्तबा आ चुका तो चौथी मर्तबा इरशाद हुआ के उसे शहद पिलाओ क्योंकि अल्लाह तआला ने सच कहा है और तुम्हारे भाई का पेट झुठा है। उसने फिर शहद पिलाया तो मरीज तंदुरुस्त हो गया (मुस्लिम,बुखारी)

 

(2) शहद चाटने से बीमारी का ना होना –

हजरत अबू हुरैरा (रज़ि०) रवायत फरमाते हैं के रसूल (स०अ०) ने फ़रमाया – जो शख्स हर महीने में कम से कम 3 दिन सुबह-सुबह शहद चाट ले उसको उस महीने में कोई बड़ी बीमारी ना होगी (इब्ने माज़ा)

 

(3) ज़ख्म और फूनसी का इलाज –

अब्दुल्लाह बिन उम्र (रज़ी०) का एक दिलचस्प अमल उनके गुलाम नफेह (र०)  से बयान किया गया है, जब भी बीमार होते या उनको कोई जख्म होता, फौरी तौर पर इलाज करते हैं,हत्ता के अगर उनको फूनसी निकलती तो  इस पर शहद लगाते थे, हमने एक रोज ताज़्जुब से कहा कि आप फुनसी पर शहद लगाते हैं ?कहा क्या खुदा तआला  ने यह नहीं कहा के  इसमें लोगों के लिए शिफा है।

गंदुम (wheat) के आटे में शहद मिला कर मरहम(paste) सी बना कर फोड़े या फुंसी पर लगाया जाए तो बहुत मुफीद है।

 

(4) पथरी (kidney stone)  का इलाज –

शहद खाने से गुर्दे में मौजूद पथरी को तोड़ कर निकालता है ,एक ये भी फायदा है के अगर पेशाब में कमी या औरतों को हैज़ या दूध का कम बनना, शहद से ठीक होता है।

 

(5) दांतों (teeth) के लिए मुफीद –

दांतों के लिए शहद एक बेहतरीन टॉनिक है,शहद को सिरका में मिलाकर अगर दांतों पर मली जाए तो दांत मज़बूत रहते हैं और मसूड़ों के वरम को दूर करता है और चमकदार बनाता है। गर्म पानी में शहद और सिरका के साथ नमक को मिला कर गरारा किया जाए तो गले और मसूड़ों का वरम जाता रहता है।

 

(6) चेहरे के दाग साफ होना –

शहद में सिरका और नमक मिला कर चेहरे के दाग पर लगाया जाए तो दाग ठीक हो जाते हैं।

 

(7) बालों (जुं) के लिए मुफीद –

अरके गुलाब में शहद मिला कर बालों में लगाने से जूएं मर जाती हैं,बाल मुलायम और चमकदार हो जाते हैं।

 

(8) जिगर (liver) की खराबी में असरदार –

जिगर और पित्ते की खराबियों और लिवर में वायरस का आना जैसे के कला अरकान (hepatitis B), लिवर को डैमेज करती है और जयाद बढ़ने से मौत हो जाती है, ऐसे मरीजों को उबले हुए पानी या बारिश का पानी में शहद दिया जाए तो बहुत असरदार होगी और बीमारियां दूर होंगी, इंशाअल्लाह।

 

(9) बुखार  से  निजात –

बुखार के मरीज को शहद पिलाई जाए तो उसका बुखार काम हो जाता है।

 

(10) बुढ़ापे के 3  अहम बीमारियों से छुटकारा –

बुढ़ापे में अक्सर हर किसी को 3 अहम मसाइल होते हैं जैसे कि

  • जोड़ों का दर्द
  • जिस्मानी कमज़ोरी
  • बलगम का आना

ये तीनों किस्म के बीमारियों का सिर्फ एक ही इलाज है और वो है शहद,ज्यादा तर डॉक्टर बुढ़ापे में कसरत से शहद खाने की तलकीन करते हैं,दवा से ज्यादा शहद को तरजीह देते हैं,क्युकि शहद खुद एक काफी असरदार दवा की तरह काम करती है।

 

(11) नुमुनिया के एक  मरीज का शहद से इलाज –

एक नूमुनिया के मरीज़ को कोई दवा काम नहीं कर रही थी, तब उसको एक हफ्ते तक तक़रीबन 1 किलो शहद पिलाई गई,जिस से उस मरीज का बुखार भी जाता रहा और नुमूनिया से आराम मिला।

 

(12) मर्दाना कमज़ोरी का हल –

शहद से ताकत मिलती है ये हम सब जानते है लेकिन अल्लाह बचाए, अक्सर नौजवान तबका अपनी बचपन कि गलती वगैरह से अपनी जिस्म की कुवत खो देते हैं,और परेशान घूमते है, अगर अल्लाह से तौबा करें और शहद को अपने रोजाना के गिज़ा में शामिल कर लें तो इंशाअल्लाह फायदा जरूर हासिल होगा ।

 

दीन की सही मालूमात  कुरआन और हदीस के पढने व सीखने से हासिल होगी |(इंशाअल्लाह)

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आप से दुआ की गुज़ारिश

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